🌿 कहानी – हरे लहंगे वाली दुल्हन
गाँव के बीचोंबीच मिट्टी के आँगन में रंगोली बनी थी, दीयों की रोशनी चमक रही थी।
वहाँ खड़ी थी एक सुंदर युवती, जिसने हरे रंग का लहंगा चोली पहना था। सुनहरी कढ़ाई उसके लहंगे को शाही बना रही थी।
दिन में वह खेतों के पास खड़ी होकर धूप में चमक रही थी, और शाम होते ही दीयों की रौशनी में किसी परी जैसी लग रही थी।
शादी का दिन था – मेहंदी से सजे हाथ, सिर पर दुपट्टा और आँखों में सपनों की चमक।
गाँव की हवेली सज चुकी थी, झूमरों और झालरों की रोशनी चारों ओर बिखरी थी।
लोग कहते थे – “आज हमारी दुल्हन सबसे अलग लग रही है, जैसे गाँव की शान हो।”
रात ढलते ही जब ढोलक बजा, तो दुल्हन ने धीरे से मुस्कुराकर चारों ओर देखा।
उसकी मुस्कान ने पूरा गाँव रोशन कर दिया






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